श्री विजयपुरम का नामकरण: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर "श्री विजयपुरम" रखने का निर्णय लिया। यह घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के द्वारा की गई थी, यह कदम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इस द्वीप समूह के योगदान का सम्मान करने और ब्रिटिश उपनिवेशवाद के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। यह नाम अंडमान के ऐतिहासिक महत्व को पुनर्स्थापित करने के लिए चुना गया है।
इतिहास की झलक और देशभक्ति का प्रतीक
पोर्ट ब्लेयर का नामकरण पहले ब्रिटिश नौसेना अधिकारी आर्चीबाल्ड ब्लेयर के नाम पर हुआ था, जो इसे एक उपनिवेश के रूप में विकसित करना चाहते थे। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यहां के cellular jail या "काला पानी" में अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को कठोर दंड भुगतना पड़ा। वर्तमान में यह जेल स्वतंत्रता संग्राम के बलिदान की एक अमर प्रतीक है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के अद्वितीय साहस की याद दिलाती है।
प्राकृतिक सुंदरता का स्वर्ग
श्री विजयपुरम का नया नाम आने के बाद, यह स्थान अब सिर्फ ऐतिहासिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन का केंद्र भी बन गया है। कोर्बिन्स कोव जैसे बीचों और महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क के समुद्री जीवन के कारण पर्यटक यहां रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, सूर्यास्त के अद्भुत दृश्य के लिए प्रसिद्ध चिड़िया टापू, पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है।
भारत की ऐतिहासिक पहचान को पुनर्स्थापित करने का प्रयास
यह नाम परिवर्तन पहले हुए बदलावों का ही हिस्सा है, जैसे कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सम्मानित करने के लिए रॉस द्वीप का नाम Netaji Subhash Chander Bose island और हैवलॉक द्वीप का नाम "स्वराज द्वीप" रखा गया था। यह कदम भारत के प्राचीन गौरव और संस्कृति को पहचानने का एक प्रयास है, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करता है। श्री विजयपुरम का यह नाम परिवर्तन हमारे देश की धरोहर और गर्व का प्रतीक बनेगा और आने वाली पीढ़ियों को भारत की महान परंपराओं का एहसास कराएगा। इस तरह के ऐतिहासिक फैसलों से भारतीय समाज में हमारी पहचान और संस्कृति को बनाए रखने का संदेश मिलता है।
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