वाहन का इंश्योरेंस क्लेम कैसे करे?
आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि बाइक का इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें तथा किन किन फॉर्मेलिटीज को फॉलो करना पड़ता है और इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए अगर आपने अभी अपने वाहान का इंश्योरेंस करा रखा है और किसी कारणवश आपका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है तो घबराने की बात नहीं है हम आज इसी के बारे में आपको सही जानकारी देने जा रहे हैं ऐसा देखा गया है कि हम अपने वाहन का इंश्योरेंस सही समय पर नहीं करा पाते या रुचि नहीं लेते परंतु किसी कारणवश अगर वहां दुर्घटनाग्रस्त या फिर डैमेज हो जाए तो हम अपने वाहन का इंश्योरेंस क्लेम करने से जो कुछ पैसा कंपनी से मिलना होता है वह नहीं ले पाते इसे सरकार भी वाहनों का इंश्योरेंस पर जोर दे रही है ताकि लोगों को आर्थिक समस्या का सामना ना करना पड़े जब भी आप अपना अभी नहीं बाइक या स्कूटी खरीदते हैं तब आपको कंपनी इंश्योरेंस भी ऑफर करती है और उस इंश्योरेंस के पैसे वहां के रेट को जोड़कर आपको बता देती है।
वाहन बीमा क्यों जरूरी है? why is it important to have vehicle insurance?
वाहन बीमा खरीदना हमारे लिए काफी जरूरी होता है जब भी हम वाहन चलाते हैं, तो वाहन चलाते समय दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। दुर्घटना होने पर दुर्घटना करने वाले या फिर दूसरे व्यक्ति को भौतिक तथा शारीरिक रूप से नुकसान हो जाता है। कई बार कुछ लोगों के व्यक्ति को भी हो जाती है अगर आपके पास यह बीमा नहीं होता है तो कोर्ट की सुनवाई के बाद यह सारी राशि आपको ही बनी होती है अगर आपके पास वाहन का बीमा होता है तो यह पूरी राशि बीमा कंपनी देती है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि काफी लोगों को इंश्योरेंस के बारे में सही जानकारी ना होने की वजह से इंश्योरेंस क्लेम नहीं कर पाते हैं अगर आप भी इंश्योरेंस क्लेम करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इंश्योरेंस तीन प्रकार के होते हैं जब भी आप वाहन का इंश्योरेंस करवाते हैं तो आपके सामने तीन प्रकार के इंश्योरेंस जरूर आते होंगे। जैसा कि First Party Insurance , Second Party Insurance, Third Party Insurance।
जिनके बारे में विस्तार से वर्णन नीचे किया गया है जो इस प्रकार हैं: -
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस (First Party insurance)
यहां पर First Party Insurance का मतलब होता है कि वाहन का मालिक और वाहन को कोई नुकसान होता है तो यह फर्स्ट पार्टी बीमा के तहत आता है। यह पूरी तरह से आप से संबंधित होता है क्योंकि इसमें आपके पर्सनल नुकसान को शामिल किया जाता है। अगर आप के वाहन के साथ कोई दुर्घटना हुई है इसमें वाहन को भी कवर किया जाएगा और अगर आपको चोट लगी है तो इस बीमा के तहत आप भी आप भी क्लेम कर सकेंगे।
सेकंड पार्टी इंश्योरेंस (Second Party insurance )
यहां पर Second Party insurance का मतलब इंश्योरेंस कंपनी से होता है, जो भी इंश्योरेंस कंपनी है उसे हम सेकंड पार्टी कहते हैं, क्योंकि हमारे बाद केवल इंश्योरेंस कंपनी ही आती है, यानी कि हम जो भी क्लेम लेते हैं, वह सेकंड पार्टी से लेते हैं, सेकंड पार्टी ही फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी को इंश्योरेंस देती है, और बाद में इंश्योरेंस का क्लेम देती है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ( Third Party Insurance)
यदि कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है, तो बीमाधारक को बीमाकर्ता को सूचित करना चाहिए और दावा दायर करना चाहिए। इसके बाद, बीमा कंपनी एक सत्यापन प्रक्रिया करेगी और दावे का निपटान करेगी। यदि उनकी शर्तों का उल्लंघन पाया जाता है, तो वे हर्जाने के लिए भुगतान नहीं कर सकते हैं। यह पॉलिसीधारक को जिम्मेदारी छोड़ देता है। यदि कोई उल्लंघन नहीं पाया जाता है, तो बीमा कंपनी नुकसान के भुगतान की जिम्मेदारी लेगी।
कुछ घटनाओं के कारण दावे का खंडन हो सकता है। ऑटोमोबाइल बीमा के मामले में, इनमें शामिल हैं:
• पीके चलाना
• यदि वाहन का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जा रहा था कि दुर्घटना होने पर यह अधिकृत नहीं था।
• यदि दुर्घटना एक जानबूझकर किया गया कार्य था।
• यदि चालक वाहन चलाने के लिए उपयुक्त नहीं था जैसे कि कम उम्र का होना या लाइसेंस की समस्याएँ (कोई लाइसेंस नहीं, समाप्त लाइसेंस, निलंबित लाइसेंस)।
यदि उपरोक्त परिस्थितियों में किसी वाहन की दुर्घटना होती है, तो यह बीमा रद्द कर देगा। जिम्मेदार संस्था को अपने पैसे का उपयोग करके सभी नुकसानों का भुगतान करना होगा। हालांकि अधिकांश तृतीय-पक्ष नीतियां वाहनों को कवर करती हैं, वे प्रौद्योगिकी उद्योग, व्यवसाय प्रबंधन, जहाजों, ई-कॉमर्स जोखिमों और विमानन से जुड़ी हो सकती हैं। अगर सरल भाषा में बोले तो फर्स्ट पार्टी आप खुद होंगे और सेकंड पार्टी आपकी कंपनी होगी, इसके बीच अगर कोई तीसरा बंदा आता है तो इसे हम Third Party Insurance कहते हैं, जैसे कि आप का साधन है, और यह किसी थर्ड पार्टी के साथ एक्सीडेंट हो गया, तो उस पार्टी को हम थर्ड पार्टी ही कहेंगे, जैसे कि अगर आपकी गाड़ी है और वह किसी दूसरी गाड़ी को टक्कर मार देती है तो उस गाड़ी का जो भी क्लेम आपको देना होगा, वह आपकी कंपनी देगी।
क्योंकि आपने पहले से Third Party Insurance लिया हुआ था, अगर आपने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लिया होगा तो इसका मतलब है कि आपके इंश्योरेंस में थर्ड पार्टी भी कवर होता है, इससे यह होगा कि जब भी किसी थर्ड पार्टी को क्लेम देने की बारी आएगी उस समय आप कोई भी क्लेम नहीं देंगे, आपकी कंपनी थर्ड पार्टी को क्लेम देगी।
आसान भाषा में समझाऊं तो आपकी गाड़ी अगर किसी तीसरी घाटी में ठुक जाती है और वह गाड़ी वाला आपसे कोई क्लेम या नुकसान की भरपाई मांगता है तो वह क्लेम आपकी कंपनी देगी, इसे हम Third Party Insurance कहते हैं।
कंप्रिहेंसिव पॉलिसी (Comprehensive Policy)
अगर हम Comprehensive Policy की बात करें तो यह पॉलिसी फर्स्ट और थर्ड पार्टी को शामिल करता है सरल भाषा में बात करें तो इसमें हर टाइप के नुकसान को शामिल किया जाएगा जैसा कि अगर वाहन का नुकसान हुआ है तो उसका भी इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं और अगर वाहन के साथ-साथ वाहन के मालिक और थर्ड पार्टी का भी नुकसान हुआ है तो उसका भी इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं चलिए आपने यह तो जान दिया कि इंश्योरेंस कितने टाइप के होते हैं
अब हम यह भी जान लेते हैं कि इंश्योरेंस क्लेम कैसे करते हैं मान लीजिए कि आपका वाहन का एक्सीडेंट हो गया है और आप इंश्योरेंस क्लेम करना चाहते हैं तो सबसे फर्स्ट जो आपके वाहन का एक्सीडेंट हुआ है उसकी फोटो ले ले तथा इंश्योरेंस कर्मचारियों को इसके बारे में सूचित कर दें। आप वाहन के दस्तावेजों के साथ जिस भी कंपनी का इंश्योरेंस आपने कराया है दस्तावेजों के साथ आप उस ऑफिस में जाकर अपने वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी दे दे आपकी जानकारी मिलते ही ऑफिस के कर्मचारी आपके वाहन की जांच पड़ताल करने के तत्पश्चात इंश्योरेंस क्लेम कर दिया जाएगा।
यदि अगर आप के वाहन से एक्सीडेंट होने के कारण आपको इंजरी हुई है तो आप अपने डॉक्टर से सही मेडिकल पेपर सम्मिट करके इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। परंतु यह ध्यान रहे कि आप जो भी इंश्योरेंस क्लेम कर रहे हैं वह सही हो अन्यथा आप पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है
मैं आशा करता हूं कि इस आर्टिकल की हेल्प से आपको इंश्योरेंस क्लेम करने में हेल्प मिलेगी और अपने वाहन का इंश्योरेंस जरूर कराएंगे जिससे आपको आगे चलकर कोई समस्या का सामना ना करना पड़े।
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